एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में **चीकू** नाम का एक लड़का रहता था। चीकू बहुत साहसी था और उसे रोमांचक चीज़ें करने का बहुत शौक था। लेकिन उसके माता-पिता हमेशा चिंतित रहते थे क्योंकि चीकू अक्सर अजीबो-गरीब मुसीबतों में फँस जाता था।
### **चीकू और गुप्त सुरंग**
एक दिन, चीकू ने सुना कि गाँव के बाहर एक पुरानी खंडहर इमारत है, जिसके नीचे एक गुप्त सुरंग है। यह सुरंग ऐसी जगह ले जाती है जहाँ कोई कभी वापस नहीं आया। चीकू की आँखें चमक उठीं। उसे लगा कि अगर वह सुरंग को खोजेगा और उस रहस्य को सुलझाएगा, तो वह गाँव का सबसे बहादुर लड़का बन जाएगा।
चीकू ने अपने सबसे अच्छे दोस्त **मोंटू** को साथ चलने को कहा। मोंटू थोड़ा डरपोक था, लेकिन चीकू का हौसला देखकर वह भी तैयार हो गया। दोनों ने एक टॉर्च, एक रस्सी, और कुछ खाने-पीने की चीजें लेकर अपने रोमांचक सफर की शुरुआत की।
### **सुरंग का रहस्य**
जैसे ही वे खंडहर इमारत के पास पहुँचे, उन्होंने देखा कि वहाँ की दीवारें टूट चुकी थीं और चारों ओर बेलें और झाड़ियाँ फैली हुई थीं। थोड़ी देर ढूँढ़ने के बाद, उन्हें फर्श पर एक बड़ा पत्थर दिखा। पत्थर को हटाने पर एक गुप्त दरवाजा नजर आया, जो सुरंग की ओर जाता था।
दोनों ने हिम्मत जुटाई और सुरंग में दाखिल हो गए। सुरंग अंधेरी और ठंडी थी। वहाँ उन्हें अजीब-अजीब आवाजें सुनाई दे रही थीं, मानो कोई उनके पीछे-पीछे आ रहा हो। मोंटू बहुत डर गया और बोला, "चीकू, वापस चलो। मुझे डर लग रहा है।"
लेकिन चीकू ने कहा, "डर मत, मोंटू! अगर हम डर गए तो कभी पता नहीं चलेगा कि इस सुरंग के पीछे का राज़ क्या है।"
### **सुरंग का जादुई द्वार**
चलते-चलते, उन्हें एक चमकता हुआ दरवाजा दिखाई दिया। दरवाजे के पास एक पुरानी किताब रखी हुई थी, जिसमें लिखा था: **"जो भी इस द्वार को खोलेगा, उसे अपने सबसे बड़े डर का सामना करना होगा।"** मोंटू ने कहा, "चीकू, हमें वापस चलना चाहिए। ये जगह बहुत खतरनाक है!"
लेकिन चीकू ने हिम्मत करके दरवाजा खोला। दरवाजे के खुलते ही दोनों एक बड़ी, अजीबो-गरीब दुनिया में पहुँच गए। वहाँ हर चीज़ उल्टी-पुल्टी थी। पेड़ उल्टे उग रहे थे, और नदियों का पानी आसमान की ओर बह रहा था।
### **अपने डर का सामना**
तभी अचानक, चीकू और मोंटू के सामने एक विशाल छाया प्रकट हुई। वह एक डरावनी आकृति थी, जो उनकी तरफ बढ़ रही थी। मोंटू डरकर चीकू से चिपक गया। चीकू को भी थोड़ा डर लगा, लेकिन उसने कहा, "यह हमें बस डरा रही है। अगर हम अपने डर का सामना करेंगे, तो यह हमें कुछ नहीं कर पाएगी।"
चीकू ने अपने डर को नजरअंदाज करके उस आकृति की तरफ बढ़ना शुरू किया। उसने मोंटू का हाथ पकड़ा और कहा, "हमें अपने डर से लड़ना होगा।" धीरे-धीरे, दोनों ने हिम्मत जुटाई और आगे बढ़ते गए। जैसे ही वे करीब पहुंचे, आकृति गायब हो गई और एक सुनहरी चाबी उनके सामने आ गिरी।
### **चाबी और रहस्य की खोज**
चीकू ने चाबी उठाई, और तभी एक रोशनी चमकी। दोनों अचानक वापस खंडहर इमारत में लौट आए। चीकू और मोंटू ने समझ लिया कि यह सुरंग उनकी हिम्मत की परीक्षा थी। वे घर वापस लौट आए, लेकिन अब चीकू का हौसला और बढ़ गया था। वह जानता था कि अगर वह अपनी हिम्मत से डर का सामना करेगा, तो कोई भी रहस्य उसके लिए बड़ा नहीं होगा।
### **सीख:**
"डर को हराने का सबसे अच्छा तरीका है, उसका सामना करना।"
उस दिन के बाद, चीकू और मोंटू ने तय किया कि वे हमेशा एक-दूसरे का साथ देंगे और कभी भी किसी भी रोमांच से नहीं डरेंगे।
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Majedar
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