### कहानी: "चमत्कारी पेन का राज़"
एक छोटे से कस्बे में रोहन नाम का एक लड़का रहता था। वो एक साधारण स्कूल में पढ़ता था और हमेशा एक लेखक बनने का सपना देखता था। लेकिन एक दिक्कत थी—जब भी वो लिखने बैठता, उसके दिमाग में एक भी नया आइडिया नहीं आता था। वो निराश होकर सोचता कि शायद वो कभी लेखक नहीं बन पाएगा।
एक दिन, स्कूल के बाद रोहन अपने रास्ते पर चलते-चलते एक पुरानी किताबों की दुकान के पास से गुज़रा। दुकान बहुत ही अजीब और रहस्यमयी थी, और ऐसा लगता था जैसे ये सदियों पुरानी हो। जिज्ञासावश, रोहन अंदर चला गया। दुकान में किताबों का ढेर था, लेकिन उसकी नज़र एक पुरानी, धूल भरी डिब्बी पर पड़ी, जिसमें एक पेन रखा हुआ था।
जैसे ही रोहन ने पेन उठाया, दुकान के बूढ़े मालिक ने कहा, "ये कोई साधारण पेन नहीं है। ये पेन वो लिख सकता है जो तुम सोच भी नहीं सकते। लेकिन याद रखना, इस पेन से जो भी लिखा जाएगा, वो सच हो जाएगा।"
रोहन को पहले तो यकीन नहीं हुआ, लेकिन उसने मज़े के लिए पेन खरीद लिया। जब वो घर पहुंचा, तो उसने एक पन्ना निकाला और पेन से लिखना शुरू किया, “काश मेरे पास एक बड़ा चॉकलेट का पहाड़ होता!” और जैसे ही उसने ये लिखा, उसके सामने सच में एक चॉकलेट का पहाड़ प्रकट हो गया! रोहन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अब तो रोहन ने सोचा कि वो इस पेन का पूरा फायदा उठाएगा। उसने पेन से नए-नए रोमांचक और मजेदार किस्से लिखने शुरू कर दिए। कभी उसने लिखा कि वो एक समुद्री जहाज का कप्तान है, और वो सच में एक समुद्री साहसिक यात्रा पर निकल गया। कभी उसने खुद को एक सुपरहीरो बना दिया, और अचानक उसके पास उड़ने की ताकत आ गई!
लेकिन एक दिन, उसकी दोस्त रिया को इस पेन के बारे में पता चल गया। रिया ने रोहन से कहा, “ये पेन जितना अच्छा है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। अगर गलती से तुमने कोई ऐसा शब्द लिख दिया जो तुम नहीं चाहते, तो क्या होगा?”
रोहन ने उसे हल्के में लिया और कहा, “डरने की क्या बात है? मैं तो बस मजे कर रहा हूँ।” लेकिन उसी रात, मज़ाक-मज़ाक में उसने लिख दिया, “काश, हमारे कस्बे में एक दैत्य आ जाए!” और अचानक, बाहर से एक भयानक दहाड़ सुनाई दी। एक विशाल दैत्य सच में उसके कस्बे पर हमला कर रहा था!
रोहन घबरा गया और पेन से लिखा, “दैत्य चला जाए!” लेकिन पेन ने काम नहीं किया। उसे समझ में आ गया कि अब उसे अपनी समझदारी से ही इस समस्या का हल निकालना होगा। रिया की मदद से, रोहन ने अपने हिम्मत और बुद्धिमानी से दैत्य को हराने की योजना बनाई।
दोनों ने मिलकर दैत्य को एक गहरी खाई में गिरा दिया, और कस्बे को बचा लिया। बाद में, रोहन ने आखिरी बार पेन से लिखा, “ये पेन अब कभी किसी मुसीबत का कारण नहीं बनेगा।” और पेन ने अपना जादू छोड़ दिया।
रोहन ने सीखा कि सच्ची मज़ेदार कहानियाँ वही होती हैं जो हम अपनी मेहनत और दोस्ती से बनाते हैं। वो और रिया अच्छे दोस्त बने रहे, और अब वो दोनों मिलकर अपनी खुद की कहानियाँ लिखते हैं—बिना किसी जादू के!
### सीख:
कभी-कभी, असली मज़ा अपनी मेहनत और दोस्ती से बने रोमांच में होता है, न कि जादू में।
nice
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