कहानी: "बोलने वाला पेड़ और खोया हुआ खजाना" एक छोटे से गाँव में, जो एक जादुई जंगल से घिरा हुआ था, ज़ैन और मीरा नाम के दो सबसे अच्छे दोस्त रहते थे। उन्हें जंगल में घूमना, छुपे हुए खजाने ढूंढना और रहस्यमयी जीवों की खोज करना बहुत पसंद था। एक दिन, जब वे पहले से कहीं ज्यादा गहरे जंगल में पहुँच गए, तो उन्हें एक बहुत बड़ा, पुराना पेड़ दिखाई दिया। यह पेड़ बाकी पेड़ों से अलग था—इसके तने पर एक चेहरा बना हुआ था! उनकी हैरानी तब और बढ़ गई जब पेड़ बोला, “नमस्ते, नन्हे साहसियों! मैं बोलने वाला पेड़ हूँ। मैं एक खजाने की रक्षा करता हूँ, लेकिन केवल वे लोग जो बहादुर दिल और चतुर दिमाग रखते हैं, इसे पा सकते हैं।” ज़ैन और मीरा की आँखें चमक उठीं। उन्होंने उत्साह से कहा, “हम खजाना पाना चाहते हैं! बताओ हमें क्या करना होगा!” बोलने वाले पेड़ ने उन्हें एक पहेली दी: “जंगल में तुम्हें तीन सुराग मिलेंगे। एक चमकती हुई धारा के नीचे छिपा है, एक सबसे ऊँची चट्टान के ऊपर है, और आखिरी एक विशालकाय मशरूम की छांव में है। सभी सुराग खोज लो, और तुम्हें खजाना मिल जाएगा।” दोनों दोस्त अपने रोमांचक सफर पर निकल पड़े। सबसे