कहानी: "बोलने वाला पेड़ और खोया हुआ खजाना" एक छोटे से गाँव में, जो एक जादुई जंगल से घिरा हुआ था, ज़ैन और मीरा नाम के दो सबसे अच्छे दोस्त रहते थे। उन्हें जंगल में घूमना, छुपे हुए खजाने ढूंढना और रहस्यमयी जीवों की खोज करना बहुत पसंद था। एक दिन, जब वे पहले से कहीं ज्यादा गहरे जंगल में पहुँच गए, तो उन्हें एक बहुत बड़ा, पुराना पेड़ दिखाई दिया। यह पेड़ बाकी पेड़ों से अलग था—इसके तने पर एक चेहरा बना हुआ था! उनकी हैरानी तब और बढ़ गई जब पेड़ बोला, “नमस्ते, नन्हे साहसियों! मैं बोलने वाला पेड़ हूँ। मैं एक खजाने की रक्षा करता हूँ, लेकिन केवल वे लोग जो बहादुर दिल और चतुर दिमाग रखते हैं, इसे पा सकते हैं।” ज़ैन और मीरा की आँखें चमक उठीं। उन्होंने उत्साह से कहा, “हम खजाना पाना चाहते हैं! बताओ हमें क्या करना होगा!” बोलने वाले पेड़ ने उन्हें एक पहेली दी: “जंगल में तुम्हें तीन सुराग मिलेंगे। एक चमकती हुई धारा के नीचे छिपा है, एक सबसे ऊँची चट्टान के ऊपर है, और आखिरी एक विशालकाय मशरूम की छांव में है। सभी सुराग खोज लो, और तुम्हें खजाना मिल जाएगा।” दोनों दोस्त अपने रोमांचक सफर पर निकल पड़े। सबसे
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम **चीकू** था। चीकू को हर वक्त नई चीजें खोजने और रोमांच करने का शौक था। एक दिन उसे गाँव के बड़े बूढ़ों से पता चला कि पास के जंगल में **जादुई झील** है, जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर कोई उसका पानी पी ले, तो उसकी कोई भी एक मनोकामना पूरी हो जाती है। चीकू को तो जैसे नई खोज करने का बहाना मिल गया! चीकू ने अपनी छोटी-सी थैली में खाना, पानी, और अपने दोस्त **बबलू**—एक तोता—को लेकर सफर शुरू किया। दोनों ने जंगल में घुसते ही देखा कि वहाँ के पेड़-पौधे एकदम अजीब और चमकीले थे। अचानक, रास्ते में एक बड़ा पत्थर आया, जिस पर लिखा था, "**सिर्फ सच्चे दिल वाले इस रास्ते से आगे जा सकते हैं।**" चीकू ने अपनी आँखें बंद कीं, दिल से प्रार्थना की, और पत्थर को पार कर लिया। बबलू ने खुशी से अपने पंख फड़फड़ाए। जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, रास्ते में अजीब-अजीब प्राणी मिलने लगे—कुछ कीड़े तो गाते हुए रास्ता दिखा रहे थे, और एक खरगोश तो बबलू के साथ हॉपस्कॉच खेलने लगा। कुछ दूर चलने के बाद, उन्हें एक **जिन्न** मिला, जो एक पेड़ के नीचे बैठा रो रहा था। चीकू न